दारू की मस्ती में जान हुई सस्ती
1 min readडुमराव (बक्सर) : पिछले महीने नावानगर के अमीरपुर गांव में बारात आयी। शादी में लड़का व लड़की दोनों पक्ष के लोग शराब का सेवन कर रहे थे। बारात के दरवाजे पर आते ही नशे में धुत्त लड़की के चाचा ने खुशी में फायरिंग कर दी जो सीधे दूल्हे को जा लगी और उसकी वहीं मौत हो गयी।
शादी-विवाह या अन्य पारिवारिक आयोजनों में शराब के चलते यह कोई अकेला हादसा नहीं है। शादी-प्रायोजनों में दारूबाजी के बढ़ते चलन की वजह से कई अनहोनी जिले में हो चुकी है। बावजूद, इस पर लगाम नहीं लग रहा है। समाज में बदलाव की बयार ऐसी है कि पहले चोरी-छिपे मद्यपान करनेवाले युवा शादी-विवाह में खुलेआम शराब पीते हैं।
नशे में हुई बड़ी घटनाएं
पिछले दिनों बारात से लौट रहे नशे में धुत बैदा गाव के राजू यादव की बाइक पेड़ से जा टकरायी और दो साथियों के साथ उसकी मौत मौके पर ही हो गयी। एक दिन बाद अनुमंडल के कपूरपट्टी गाव में हरेन्द्र दूबे नामक व्यक्ति दारू की नशाखोरी में ही विषपान कर आत्महत्या कर लिया। दो अप्रैल को ब्रह्मापुर में मो.मुस्तफा अब्बासी नामक व्यक्ति अपनी पत्नीं को हथौड़े से वार कर हत्या कर दी। इसी लगन में शराब के नशे में झगड़े की वजह से जिले में कई जगह शादियां टूटते-टूटते बची।
सामाजिक व मनोवैज्ञानिक पक्ष
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.एमएच मंजर कहते हैं कि शराब के नशे में लोग होश खो देते हैं और तब उन्हें अपने किये का ध्यान नहीं रहता। डीके कालेज के पूर्व प्राचार्य डा.बद्री प्रसाद सिंह एवं आमसारी गाव के बुजूर्ग गोवर्द्धन सिंह ‘गोरक्षहरि’ ने बताया कि कुछ लोगों ने खुशी को मनाने का जरिया केवल शराब को समझ लिया है। इन दिनों शादी विवाह के अवसर पर मेहमानवाजी में शराब का रोल बहुत ही बड़ा होता है और जमकर इसका सेवन करना अक्सर खतरनाक साबित हो जाता है। ऐसी स्थिति में अन्य लोगों को सबक लेनी चाहिए।
एसडीपीओ का बयान
निश्चित रूप से यह समाजिक समस्या बनती जा रही है और इसकी वजह से लगन के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि होती है। इससे निपटने के लिए सामाजिक पहल होनी चाहिये। गावों में शराब उन्मूलन के खिलाफ कोई संगठन या गाव की महिलाएं अभियान चलाती है तो इसमें पुलिस उन्हें पूरा सहयोग करगी।
रामकृष्ण गुप्ता, एसडीपीओ, डुमरांव।
Courtesy: Jagran