बीआरबीयू के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के एमएड के मॉडल सिलेबस में हेराफेरी
1 min readबिहार के प्रतिष्ठित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (बीआरबीयू) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय ने उच्च शिक्षा को मजाक बनाकर रख दिया है. मुजफ्फरपुर में स्थित एम फिल, बीएड और एमएड जैसी ऊंची डिग्री की परीक्षाओं में गड़बड़ी आम बात हो गयी है. इन गड़बड़ियों से एक ओर पढ़ाई करने वाले परेशान हैं तो दूसरी ओर विश्वविद्यालय की साख पर बट्टा लग रहा है.
नौकरीशुदा शिक्षकों को ऊंची डिग्री प्रदान करने वाली एमएड के मॉडल सिलेबस में ही हेराफेरी कर दी गई. ग्यारहवें पत्र के मॉडल पेपर में बारहवीं का सिलेबस डाल दिया तो बारहवें पत्र के मॉडल पेपर में ग्यारहवीं पत्र का सिलेबस. परीक्षा से दो दिन पहले जब यह भेद खुला तो आनन फानन में नेट पर मॉडल बदल दिया गया.
परिक्षार्थियों को झांसें में डालने के लिए एक हीं पेपर के प्रश्न पर उपर पेपर-11 तो नीचे पेपर-12 दोनों लिख दिया गया. इसी तरह बारहवें पत्र के प्रश्न पर उपर पेपर-12 और नीचे पेपर-11 लिख दिया गया. इतना हीं नही हंगामे से बचने के लिए परीक्षा के ठीक पहले अचानक केन्द्र भी बदल दिया गया.
इस हेराफेरी से परीक्षार्थी भले ही परेशान हों पर निदेशालय के अधिकारी नजर में यह प्रिंटिंग मिस्टेक है और गलत नही है. गड़बड़ी का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले बी एड के परीक्षाफल में हेराफेरी कराई गई. हंगामा और दबाब के बाद जब दूबारा कॉपी जांच हुई तो फेल विद्यार्थी टॉपर निकला.
एम फिल की प्रवेश जांच परीक्षा में भी सिलेबस और पैटर्न से बाहर के सवाल पूछ दिये गये और हंगामा होने पर जैसे तैसे मामले को मैनेज कर लिया गया. पदाधिकारी खुद इस गलती को स्वीकार करते हैं, लेकिन उनकी नजर में यह छोटा मामला है जिसे तूल नही दिया जाना चाहिए.
इस पूरे प्रकरण में विश्वविद्यालय की भूमिका संदेहास्पद है. ऊंची और व्यवसायिक डिग्री वाली परीक्षाओं में बार-बार हेरा-फेरी के बावजूद उच्चाधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
Courtesy: ETV Bihar