अनुशासित होकर ही संभव है शक्षणिक सुधार : कुलपति
1 min readमधेपुरा। शिव राजेश्वरी युवा सृजन क्लब द्वारा मधेपुरा कालेज के प्रशाल में रविवार वर्तमान शिक्षा व्यवस्था और इसका भविष्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कुलपति डॉ. विनोद कुमार ने शिक्षा के प्रति सोच में बदलाव लाने का परामर्श दिया।
कुलपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य धनोपार्जन नहीं बल्कि ज्ञान अर्जन है। लेकिन ऊंची डिग्री प्राप्त कर रखे लोग ठीक से लिख तक नहीं सकते हैं। शिक्षकों को चाहिए कि वो अनुशासित होकर अपने कर्त्तव्य का पालन करें। छात्रों को भी अनुशासित होना होगा। उन्होने बिगड़ती शैक्षणिक व्यवस्था के लिए समाज के सोच में नकारात्मक बदलाव बताया।
प्रति कुलपति डॉ. जयप्रकाश नारायण झा ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में बेहतरी के लिए सामाजिक सहयोग आवश्यक है। शिक्षकों को सोचना होगा कि वो जितना वेतन ले रहे हैं, उस अनुरूप में शिक्षा दे रहे हैं या नहीं। अर्थ के पीछे भागने की मानसिकता छोड़कर ज्ञान के प्रति समर्पित होना होगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राम नरेश सिंह ने कहा कि राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। हर वर्ष बिहार से आठ हजार सात सौ करोड़ रुपये राज्य के बाहर पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का खर्च करना पड़ता है। शिक्षकों को सम्मान मिलेगा तभी शैक्षणिक व्यस्था में सुधार संभव है।
पूर्व विधायक संजीव कुमार झा ने कहा के शैक्षणिक संस्थानों में पठन-पाठन का माहौल समाप्त हो चुका है। छात्र व उनके अभिभावक पढ़ाई से अधिक कदाचार में विश्वास रखते हैं।
पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए हर मोर्चे पर सुधार की जरूरत है। प्राचार्य डॉ. निखिल कुमार सिंह ने कहा कि मूल्य, नीति और चरित्र को बरकरार रखकर बही शिक्षा का भविष्य बेहतर किया जा सकता है।
संगोष्ठी का संचालन क्लब के संस्थापक हर्षवर्द्धन सिंह राठौर ने किया। संगोष्ठी में प्रभाकर टेकरीवाल, डॉ. शैलेन्द्र कुमार, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. विनय कुमार चौधरी, डॉ. सुरेश कुमार भूषण, डॉ. भगवान मिश्रा, डॉ. गीता रस्तोगी, डॉ. तन्द्रा शरण, डॉ. आलोक कुमार, प्रो. संजय परमार ने शिरकत की। अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जवाहर पासवान ने किया।
Courtesy: Jagran