किसानों के आत्महत्या पर आश्रितों को मिलेगा मुआवजा
1 min readमधेपुरा : बिहार सरकार ने किसान के आत्महत्या करने पर मुआवजा राशि की घोषणा की है। बिहार कृषि संकटग्रस्त किसान सहायता योजना के तहत मृतकों के परिजनों को चार लाख का मुआवजा राशि दिया जाएगा।
बिहार कृषि संकटग्रस्त किसान सहायता योजना शुरु
बिहार सरकार ने योजना को लेकर अधिसूचना जारी कर दिया है। यह योजना एक अप्रैल 2015 से ही लागू मानी जाएगी। आत्म हत्या के एक माह के अंदर लाभ मिलेगा।
किसे मिलेगा योजना का लाभ
भूधारी या बटाइदार किसान जो ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में खेती करते हैं उनको इसका लाभ का लाभ मिलेगा। अगर किसानों ने प्राकृतिक या गैर प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल क्षति, कृषि ऋण में कमी, बटाईदारी या भाड़े पर ली गई भूमि पर खेती हेतु संस्थागत ऋण नहीं मिला हो, लागत मूल्यों में वृद्धि से परेशान हो, कृषि उत्पादों के लिए प्रतिकूल बाजार की परिस्थिति हो या फिर असामान्य कृषि संबंधों के कारण उसने हत्या की है तो वह इस योजना के लाभ का पात्र होगा।
क्या होगी योजना की प्रक्रिया किसान तंग आकर आत्महत्या करता है तो उस पंचायत के मुखिया, सरपंच, ग्राम पंचायत सदस्य एवं ग्राम कचहरी के सदस्य इसकी सूचना बिना किसी विलंब के स्थानीय थाना, अंचलाधिकारी और बीडीओ को देंगे। जिसमें यह सूचना देंगे कि आत्महत्या की वजह कृषि संकट से की है या नहीं। अगर कृषि संकट से हुई है तो वे कृषि संकट की विशिष्टियों के बारे में ये तीनों प्रतिवेदन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को संयुक्त प्रतिवेदन सौपेंगे। डीएम व एसपी प्रतिवेदन को पाकर आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों से मिलेंगे और मृत्यु के कारण की गहराई से जांच करेंगे। इसके बाद योजना के लाभ का प्रस्ताव स्थायी समिति के समक्ष रखा जाएगा, जिसमें एसपी, सिविल सर्जन, जिला कृषि पदाधिकारी तथा अपर समाहर्ता सदस्य और डीएम अध्यक्ष होंगे। समिति के स्वीकृति के बाद डीएम द्वारा मृतक किसान के निकटतम आश्रित को मुआवजा दिया जाएगा।
क्या-क्या मिलेगा लाभ
मृतक किसान के आश्रित को आर्थिक असुरक्षा के न्यूनतम एवं तत्कालीन वित्तीय संकट से उबरने के लिए राज्य सरकार के पारिवारिक लाभ योजना के तहत लाभ दिया जाएगा।
इसके बाद मृतक की विधवा को राज्य सरकार की विधवा पेंशन योजना के तहत पेंशन दिया जाएगा। फिर मृतक किसान के निकटतम आश्रित के नाम से किसी निकटवर्ती राष्ट्रीयकृत बैंक में अनुग्रह अनुदान के रूप में चार लाख रुपये की राशि जमा कराई जाएगी। आत्महत्या के एक वर्ष तक जिलाधिकारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तथा कृषि विभाग के कर्मी से उक्त परिवार को संकट से उबारने के लिए मदद करेंगे। कृषि ऋण, कृषि बीमा लाभ, कृषि तकनीक उत्पादन सामग्री एवं अन्य सविधाएं उन्हें उपलब्ध कराएंगे। जिलाधिकारी यह कोशिश करेंगे कि भविष्य में किसान द्वारा कृषि संकट के कारण आत्महत्या न करें।
Courtesy: Jagran