फुटपाथ बन गया अवैध स्टैंड, यातायात बाधित
1 min readसीतामढ़ी। शहरीकरण के बढ़ते प्रभाव, आबादी में बेतहासा वृद्धि और इससे उत्पन्न भागमभाग का असर हर गली, चौक व चौराहों पर दिख रहा है। हालत यह है कि सड़क पर वाहनों का दबाव बढ़ा और फिर सड़के संकीर्ण होती गई। इतना ही नहीं सड़क किनारे की छोड़ी गई जगह जिसे हम फुटपाथ कहते है, वह भी गुम हो गई। लेकिन शहरीकरण के प्रयासों, बढ़ती हुई आबादी व अतिक्रमण के लगातार बढ़ते दायरों के बीच ‘फुटपाथ’ का वजूद समाप्त हो गया है। फुटपाथ के अभाव में जहां शहर में हादसों में वृद्धि हो रहीं है, वहीं वृद्ध, विकलांग व बच्चों के लिए सड़क पर चल पाना आसान नहीं रह गया है। जिला प्रशासन द्वारा इन फुटपाथों के वजूद को बचाने की दिशा में अब तक किसी तरह की पहल नहीं की जा रही है।
अतिक्रमण से कराह रहा पुपरी का टावर चौक : पुपरी शहर स्थित टावर चौक। इसे पुपरी शहर के हृदय स्थली का दर्जा प्राप्त है। लेकिन वर्तमान में यह अतिक्रमण का शिकार है। अब इसकी पहचान जाम स्थल के रूप में होने गली है। टावर चौक से पुपरी शहर के अलग – अलग स्थानों के लिए जाने का रास्ता है। लेकिन अतिक्रमणकारियों ने न केवल सड़क, बल्कि सड़क किनारे छोड़ी गई फुटपाथ को भी अतिक्रमित कर लिया है। शहर के मेन रोड में स्थित टावर चौक पर सड़क व फुटपाथ पर अवैध दुकानें सज गई है। वहीं बीच सड़क पर ही बस व आटो के अवैध स्टैंड से रोजाना पब्लिक का बैंड बज रहा है। टावर चौक पुपरी शहर का सर्वाधिक व्यस्त इलाका है। यहां से अस्पताल, रेलवेस्टेशन, बैंक, हाईस्कूल, कालेज, प्रखंड व अनुमंडल कार्यालय जाने का रास्ता है। इसके अलावा इस सड़क से मधुबनी, दरभंगा व नेपाल जाने का भी रूट है। इस इलाके में दवा, कपड़ा, खाद, बीज, तेल व सराफा मंडी के अलावा कई महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है। सुबह होते ही सड़क पर महाजाल हो जाता है। इसके बाद सड़क पर वाहन ससरने लगती है। घंटों यहीं स्थिति रहती है। जाम लगने के चलते लोग परेशान रहते है। वजह इलाके में पगडंडी नहीं है। अगर फुटपाथ होती तो शायद यह स्थिति नहीं होती। इस इलाके में फुटपाथ नहीं दिखते। वैसे टावर चौक से सिनेमा रोड व सिंगीयाही रोड तक सड़क किनारे फुटपाथ के लिए जगह छोड़ी गई है। लेकिन लोगों ने फुटपाथ पर छोटे – छोटे दुकान लगा लिए है। इस छोटे से इलाके में 100 से अधिक छोटे – बड़े दुकान सजे है। कोई चौकी रखकर कपड़ा बेच रहा है तो कोई ठेला लगाकर समोसा। दूसरी ओर दुकान के सामने ग्राहकों ने अपनी बाइक व साइकिल लगा देते है। इस इलाके में फुटपाथ पर स्थायी रूप से दुकानों के सज जाने व लोगों की भीड़ से फुटपाथ का वजूद मिट गया है।
रोजाना 40 हजार की आबादी गुजरती है इस रास्ते : टावर चौक के इलाके से रोजाना 40 हजार की आबादी गुजरती है। यह इलाका शहर के प्रमुख स्थानों से जुड़ा है। अहले सुबह से ही इस इलाके में जाम का लग जाता है जो देर शाम तक लगा रहता है। इस इलाके में ट्रैफिक पोस्ट का अभाव है। यहां यातायात की बहाली के लिए किसी की भी तैनाती नहीं है। ऐसे में स्कूली बस हो या एम्बुलेंस, दुग्ध वाहन व अनिवार्य सेवाएं से लेकर सरकारी – गैर सरकारी कर्मचारी, अधिकारी और व्यवसायी सब के सब बेबस नजर आते है। सबसे बड़ी परेशानी वृद्ध, लाचार, विकलांग, बीमार व बच्चों को होती है। जो फुटपाथ के अभाव में घंटों भीड़ व जाम में पीसते नजर आते है। फुटपाथ के अभाव में इस इलाके में अक्सर हादसे होते रहते है। दो माह में यहां कई छोटे – बड़े हादसे हुए है।
कहते हैं लोग
मिथिलेश कर्ण : पुपरी शहर में पार्किंग जैसी व्यवस्था नहीं है और फुटपाथ जैसी कोई चीज नहीं दिखती, लिहाजा लोग परेशान है। टावर चौक पर बनाए गए फुटपाथ पर अतिक्रमण है। नगर पंचायत का इस ओर ध्यान नहीं है।
उमेश साह : पुपरी शहर में न तो यातायात की व्यवस्था है और नहीं पार्किंग की ही। टावर चौक का इलाका समेत पूरा पुपरी शहर अतिक्रमण की गिरफ्त में है। इससे लोगों को परेशानी होती है।
प्राणेश मिश्रा : टावर चौक पुपरी शहर का गौरव है। लेकिन टावर के आस पास की सड़क व फुटपाथ पर अतिक्रमण कर लिया गया है। लोगों ने सड़क पर मकान व दुकान बना लिए है। ऐसे में फुटपाथ जैसी कोई चीज नहीं रह गई है। आबादी के बढ़ने के बाद भी सुविधाएं नहीं बढ़ी है।
अरविंद कुमार अमित : पूरा पुपरी शहर जाम में तैरता रहता है। यातायात की व्यवस्था नहीं है। फुटपाथ के अभाव में पैदल चलने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है इस ओर नगर पंचायत का ध्यान नहीं है। जिला प्रशासन भी कोई पहल नहीं कर रही है।
कहते हैं अधिकारी
एसडीओ पुपरी किशोर कुमार बताते है कि पुपरी शहर में अतिक्रमण गंभीर समस्या है। इसके लिए ठोस कदम उठाया जाएगा। मैने योगदान देने के साथ ही शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराने की पहल शुरू कर दी है। लेकिन इससे समस्या का स्थायी निनाद संभव नहीं है। अनुमंडल के सभी बीडीओ व थानाध्यक्षों को दिशा निर्देश दिया गया है। शीघ्र ही शहर को स्वच्छ व अतिक्रमण मुक्त बनाया जाएगा। फिर भी अतिक्रमणकारी नहीं माने तो उनके खिलाफ अतिक्रमण वाद चलाया जाएगा।
Courtesy: Jagran