सुषमा-ललित मोदी विवाद से बिहार में बढ़ी भाजपा की चिंता
1 min readआईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर से उपलब्ध कराई गई मदद मामले के तूल पकड़ने से भाजपा सकते में है। मोदी सरकार के एक साल पूरा करने के तत्काल बाद और बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उपजे इस विवाद से पार पाने के लिए पार्टी अब बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में जुटी है।
पार्टी की चिंता का कारण विपक्ष द्वारा हमले के दायरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेने और एक साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के मोर्चे पर पाक साफ दामन वाली सरकार का दामन दागदार होने के सियासी खतरे को लेकर है। दूसरी ओर विपक्ष के हमलों के बीच पार्टी में मची खींचतान से खफा संघ का सुषमा के समर्थन में खड़ा रहना सीधा हस्तक्षेप का संकेत देता है।
संघ एक साल के दौरान ‘आंतरिक साजिश’ से जुड़ी तीसरी घटना सामने आने से भी बेहद खफा है। माना जा रहा है कि संघ की ओर से नाराजगी जताने के बाद ही मंगलवार को विपक्ष के तीखे हमलों का जवाब देने के लिए पहली बार वित्त मंत्री अरुण जेटली को मैदान में उतारा गया। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की वित्त मंत्री की उपस्थिति में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक हुई।
आंतरिक विवाद टालने और बीच का रास्ता निकालने में जुटी पार्टी
फिलहाल मामले में विपक्ष की ओर से लगातार तेज होते जा रहे हमलों के जवाब में पार्टी ने भी जवाबी हमला बोलने का निर्णय लिया है। भाजपा पूरे मामले के भ्रष्टाचार के आरोपी को बचाने से जुड़ने से छवि को लेकर चिंतित है। खासतौर पर जिस प्रकार कांग्रेस विवाद शुरू होने के बाद रोज नए खुलासों के जरिए सरकार और पार्टी पर निशाना साध रही है, उससे भी भाजपा खेमे में चिंता है।
रणनीतिकारों को लगता है कि मामला लंबा खींचा तो बिहार चुनाव में पार्टी हमलावर होने के बदले इसी मामले में विपक्षी हमलों का जवाब देने पर मजबूर होगी। फिर अपनों की ओर से इसे आंतरिक साजिश करार दिए जाने से भी पार्टी बैकफुट पर आ गई है। बताते हैं कि इस मामले में ट्विटर वार और बयानबाजी से नाराज पार्टी नेतृत्व ने ऐसे नेताओं को विवाद खड़ा करने से बचने या परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
Courtesy: amarujala.com