बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं छात्र
1 min readमुंगेर। कभी पूर्व बिहार में कैंब्रिज के नाम से मशहूर आरडी एंड डीजे कॉलेज आज अपने अस्तित्व को बचाने की जंग लड़ रहा है। संसाधनों के अभाव व शिक्षकों की कमी के कारण कॉलेज के शैक्षणिक माहौल में दिन प्रतिदिन गिरावट आ रही है। अभाविप के छात्र नेता अभिषेक कुमार बमबम, एनएसयूआई के यतींद्र सिंह भवानी ने कहा कि कभी तिलकामांझी विश्वविद्यालय में टीएनबी कॉलेज के बाद आरडी एंड डीजे कॉलेज का ही नंबर आता था। कॉलेज में दूसरे जिलों से भी छात्र पढ़ाई करने आते थे। लेकिन, अब कॉलेज में चारों ओर अव्यवस्था ही अव्यवस्था दिखाई दे जाती है। शिक्षकों की कमी के कारण नियमित कक्षा का संचालन तक नहीं होता है। आरडी एंड डीजे कॉलेज में वर्ष 1999 तक पीजी की पढ़ाई भी होती थी। लेकिन, बाद के दिनों में पीजी की पढ़ाई बंद कर दी गई। बाद में छात्र संगठन ने आरडी एंड डीजे कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू कराने के लिए वर्षो संघर्ष किया। छात्रों के संघर्ष के कारण ही 2013-15 सत्र से आरडी एंड डीजे कॉलेज में पीजी की पढ़ाई आरंभ हुई।
————–
नौ विषयों में शुरू हुई पीजी की पढ़ाई
2013-15 सत्र में पीजी की पढ़ाई को लेकर नौ विषयों में छात्रों के नामांकन लिए गए।
कला संकाय के पांच, वाणिज्य के दो और विज्ञान के दो विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू हुई।
– पीजी की पढ़ाई के लिए प्रत्येक विषय में पांच शिक्षकों का होना अनिवार्य है। लेकिन आरडी एंड डीजे कॉलेज में किसी विषय में तीन से अधिक शिक्षक नहीं हैं।
– उर्दू व बंगला विषय में मात्र एक शिक्षक ही कार्यरत हैं।
– पीजी में विज्ञान संकाय में 45, कला संकाय में 253 और वाणिज्य संकाय में 98 छात्रों ने कराया नामांकन
– कॉलेज में स्नातक के विभिन्न संकाय में तीन हजार से अधिक नामांकित छात्र हैं।
– आरडी एंड डीजे कॉलेज में शिक्षकों के स्वीकृत 99 पदों के विरुद्ध मात्र 39 शिक्षक ही कार्यरत हैं।
———-
बोले प्राचार्य
पीजी की पढ़ाई शुरू होने के समय ही विश्वविद्यालय से शिक्षक की मांग की गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षक मुहैया कराने का भरोसा भी दिलाया था। लेकिन, एक वर्ष बीत गए हैं। अभी तक विश्वविद्यालय से शिक्षक नहीं भेजे गए। जबकि, एक वर्ष के अंदर तीन शिक्षक सेवानिवृत भी हो गए। शिक्षकों की कमी के कारण कक्षा संचालन में परेशानी आ रही है।
प्रो. गोपाल प्रसाद यादव, प्राचार्य आरडी एंड डीजे कॉलेज
Courtesy: Jagran