इस गठबंधन ने तो सब बदल दिया
1 min read
मुजफ्फरपुर । ‘आइना वही रहता है, चेहरे बदल जाते हैं…।’ विधानसभा चुनाव में मतदाताओं के समक्ष यही दृश्य उपस्थित होगा। वर्तमान कई विधायक नए सिंबल के साथ मैदान में आने की तैयारी कर रहे।
यह सब प्रदेश स्तर पर गठबंधन में बदलाव के कारण होने जा रहा।
पिछले साल भाजपा व जदयू ने मिलकर जिले की 11 में दस सीटों पर कब्जा जमाया था। इस बार जदयू अलग राह पर है और भाजपा अलग। दोनों नए गठबंधन बनने की स्थिति में जिले में कई दिग्गजों पर संकट आ सकती है। उन्हें नई जमीन तलाशनी होगी।
औराई, बरूराज, गायघाट, पारू व नगर में जदयू से जुड़े कई प्रमुख चेहरों को झटका लग सकता है। ऐसी स्थिति में वे प्रमुख दलों का सिंबल पाने की स्थिति में नहीं रहेंगे। या तो उन्हें निर्दल मैदान में डटना होगा, अथवा किसी छोटे दल का सहारा लेना होगा।
जदयू के बागी नए गठबंधन में तलाश रहे जमीन
जदयू के कुल छह में चार विधायक या तो बागी हैं या फिर पार्टी से निष्कासित। ये सभी नए गठबंधन में जमीन तलाश रहे। ऐसे विधायकों में कांटी के ई. अजीत कुमार, सकरा के सुरेश चंचल, साहेबगंज के राजू कुमार सिंह राजू व मीनापुर के दिनेश प्रसाद जदयू से अलग होकर फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ ताल ठोंक रहे।
नए गठबंधन में ये या तो हम अथवा भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं। उधर, जदयू के साथ सिर्फ दो विधायक बोचहां के रमई राम व कुढऩी के मनोज कुशवाहा हैं। ये दोनों नीतीश सरकार में अभी मंत्री भी हैं।
बंटवारा फंसेगा
दोनों ही गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर यहां मामला फंसेगा। जिले की चार ऐसी सीटें हैं जहां राजद और जदयू दोनों दावेदार हैं। सकरा, कांटी, मीनापुर व साहेबगंज से 2010 के चुनाव में जदयू ने जीत हासिल की थी।
लेकिन, ये चारों विधायक पार्टी से अलग हैं। दूसरी तरफ इन सीटों पर पिछले दो चुनावों से राजद रनर रहा था। भाजपा के कब्जे वाली औराई, पारू, गायघाट में भी राजद का अच्छा प्रदर्शन रहा था। इन सीटों पर पार्टी की नजर है।
उधर, कांग्रेस पिछले कई चुनावों से नगर व पारू में अच्छा प्रदर्शन करती रही। वह भी इन दोनों सीटों पर दावा ठोंकने की तैयारी में है।
एनडीए की बात करें तो आरक्षित बोचहां विधानसभा क्षेत्र में भाजपा लगातार सक्रिय दिख रही। दूसरी तरफ नगर, गायघाट, औराई व पारू उसके कब्जे में हैं। पार्टी फिलहाल कम से कम 7 सीटों पर लडऩे के मूड में है।
गठबंधन के प्रमुख दल लोजपा कुढऩी, बोचहां व कांटी तो रालोसपा मीनापुर व कुढऩी को अपने खाते में लाने का प्रयास करेगी। जदयू से अलग विधायक यदि हम के साथ जाते हैं तब तो सीटों का बंटवारा किस तरह होता है यह देखने लायक होगा।
ये पार्टियां अपने-अपने स्तर से क्षेत्रों का सर्वे भी करा रही। स्थिति यह भी बन सकती है कि किसी खास दल के प्रत्याशी गठबंधन के दूसरे दल से मैदान में दिखेंगे।
Courtesy: Jagran